हसौद। सक्ती जिले के हसौद क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के महान संत, समाज सुधारक एवं मानवता के प्रतीक सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती के अवसर पर 18 दिसंबर को श्रद्धा, उत्साह एवं उल्लास के साथ विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जयंती के उपलक्ष्य में अशोक क्षेत्र सहित पूरे नगर में सुबह से ही उत्साह का माहौल बना रहा।
सुबह से ही गांव एवं नगर के सभी जयस्तंभों पर विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर झंडा रोहण एवं ध्वज फहराया गया। मुख्य जयस्तंभ में आयोजित पूजा-अर्चना कार्यक्रम में मुख्य अतिथि निर्मल सिन्हा उपस्थित रहे। समाज के सभी वर्गों के लोगों ने श्रद्धापूर्वक पूजा में भाग लिया।
प्रातः 1:00 बजे भव्य सतनाम संदेश शोभायात्रा का शुभारंभ किया गया, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए निकाली गई। शोभायात्रा में सतनाम पंथ के अनुयायी पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। “सतनाम” एवं “जय गुरु घासीदास” के जयघोष से पूरा नगर भक्तिमय वातावरण में सराबोर हो गया।
शोभायात्रा के दौरान पंथी धुन पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसमें छोटे-छोटे बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यात्रा के दौरान आतिशबाजी भी की गई, जिससे आयोजन और अधिक भव्य एवं उत्सवपूर्ण बन गया। शोभायात्रा में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ नागरिक, समाजसेवी एवं सर्वधर्म समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। शोभायात्रा शोभा आश्रम पहुँची, जहाँ जिला पंचायत सभापति सुशीला सिन्हा की गरिमामयी उपस्थिति रही।
दिनभर विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें भंडारा, पूजा-पाठ एवं रंगोली प्रतियोगिता शामिल रही। कार्यक्रमों के माध्यम से बाबा गुरु घासीदास जी के सतनाम संदेश एवं “मनखे-मनखे एक समान” के विचारों का व्यापक प्रसार किया गया।
18 दिसंबर की रात्रि को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें पंथी नृत्य एवं डांस प्रतियोगिता आयोजित हुई। रात्रिकालीन कार्यक्रम में बच्चों द्वारा प्रस्तुत नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर समाज से जुड़े वरिष्ठजनों एवं नगर के गणमान्य नागरिकों का सम्मान भी किया गया। रात्रिकालीन कार्यक्रम में क्षेत्र के सभी नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में महिलाओं, युवाओं एवं बच्चों की उल्लेखनीय भागीदारी रही। आयोजन को सफल बनाने में सतनाम समाज के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय नागरिकों का सराहनीय योगदान रहा। अंत में शांति, सद्भाव एवं सामाजिक एकता की कामना के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।


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