BJP छत्तीसगढ़ ने करी संगठनात्मक नियुक्तियां, सक्ती के राजा धर्मेंद्र सिंह को बनाया गया भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चे का जिला अध्यक्ष, पार्टी कार्यकर्ताओं ने दी बधाई, अनुसूचित जनजाति वर्ग में काफी प्रभाव देखा जाता है धर्मेंद्र सिंह का, नियुक्ति पर धर्मेंद्र सिंह ने कहा- जिले में समाज के लोगों को अधिक से अधिक जोड़ेंगे भाजपा पार्टी की मुख्य धारा से।
सक्ती- छत्तीसगढ़ प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने प्रदेश में बड़े पैमाने पर संगठनात्मक नियुक्तियां की गई है, जिसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश भारतीय जनता पार्टी द्वारा भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चे की प्रदेश कार्यकारिणी एवं जिला अध्यक्षों की नियुक्तियां की गई है, तो वहीं इसी कड़ी में सक्ती के राजा धर्मेंद्र सिंह को भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चे के जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है, राजा धर्मेंद्र सिंह को मिली इस बड़ी जिम्मेदारी पर जहां पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं,तो वहीं राजा धर्मेंद्र सिंह ने भी कहा है कि पार्टी ने उन्हें जो अहम जिम्मेदारी सौंपी है, वे पूरी निष्ठा के साथ अपनी जिम्मेदारियो का निर्वहन करेंगे एवं सक्ती जिले में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चे के संगठन को मजबूत बनाते हुए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को भारतीय जनता पार्टी की रीति एवं विचारों की जानकारी देकर पार्टी से जोड़ेंगे तथा केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एवं छत्तीसगढ़ के विष्णु देव की सुशासन वाली सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का भी लाभ लोगों तक मिल सके इस दिशा में प्रयास करेंगे।
राजनीति में सक्रिय रूप से काम करते हैं राजा धर्मेंद्र सिंह
ज्ञात हो की राजा धर्मेंद्र सिंह अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वर्गीय राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के सुपुत्र हैं,तथा वर्तमान में वे जिला पंचायत सक्ती के सदस्य एवं सभापति भी है, तथा पूर्व में जनपद पंचायत सक्ती के सदस्य भी रह चुके हैं, एवं अविभाजित जांजगीर चांपा जिले में आदिवासी समाज के युवा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष पद का भी सफलतापूर्वक निर्वहन कर चुके हैं, तथा उनके जिला अध्यक्ष रहते हुए कई बार आदिवासी समाज के बंधुओ का बड़ा सम्मेलन भी आयोजित किया जा चुका है, एवं उन्होंने पूर्व में जनपद पंचायत सक्ती के अध्यक्ष का निर्वाचन भी लड़ा था तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग में उनका सक्ती जिले में काफी प्रभाव देखा जाता है।

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