राजा के अल्फाज और अंदाज में आज भी रूवाब के साथ बेहद की स्मरण शक्ति बरकरार... अधिवक्ता चितरंजय पटेल
विजयादशमी सत्य पर असत्य की विजय का पर्व है तथा भारतीय परंपरा में यह क्षत्रिय पर्व के रुप में भी स्थापित है। आज जहां विजयदशमी पर शस्त्रों की पूजा का विधान है तो वहीं आमजनों में अभी भी शक्ति के प्रतीक राजसत्ता के पास सौजन्य भेंट कर अपने कुशलता के लिए शुभकामना व आशीर्वाद प्राप्त करने का रिवाज़ जिंदा है। यद्यपि इस रिवाज़ ने लोकतंत्र में पुराने रियासत के राज महलों से निकल वर्तमान सत्ताधीशों अर्थात शासन के मंत्रियों के बंगलों की ओर रुख कर लिया है फिर भी राज महलों के रिवाज़ बदस्तूर जारी है...आज इस क्रम में सक्ती रियासत के राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह को दशहरा की बधाई देने उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय के साथ मीडिया और लोग पीला महल पहुंचे थे, जहां सबने राजा साहब को श्रीफल वा शमी पत्र भेंट कर दशहरा की बधाई दिया तो वहीं राजा ने सबके प्रति साधुवाद व्यक्त करते हुए शक्ति पर्व विजयादशमी की शुभ कामनाएं दिया ।
इन अवसर पर अधिवक्ता चितरंजय ने बताया कि राजशाही चले जाने के साथ ही उम्रदराज राजा साहब के अल्फाज और अंदाज में पुरानी रूवाब के साथ बेहद की स्मरण शक्ति नजर आ रहा था जो साबित कर रहा है कि रियासत काल में सक्ती राज परिवार का जलवा निश्चित रूप से खास रहा होगा। आज इन पलों में धर्मेंद्र सिंह राज महल, मानवाधिकार एवम सामाजिक न्याय आयोग के मीडिया प्रभारी योम लहरे, सामाजिक कार्यकर्ता उदय मधुकर, आदर्श पब्लिक स्कूल के संचालक दिनेश साहू के साथ ग्रामिणजनों की गरिमामय उपस्थिति रही।


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