सक्ती, 12 सितम्बर 2025 // कलेक्टर श्री अमृत विकास तोपनो ने जिले के सभी किसानो से एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन कराने की अपील की है। उल्लेखनीय है कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने और अन्य योजनाओ का लाभ प्राप्त करने के लिए एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य है । जिसके लिए जिले के ऐसे किसान जिन्होने अभी तक एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन नही कराया है। उनसे 30 सितम्बर तक पंजीयन कराने की अपील की गई है।
कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत इस बार समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिये किसानों को एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना फार्मर आईडी के किसान न तो सहकारी समिति में धान बेच सकेगें और ना ही पीएम किसान सम्मान निधि और अन्य विभागीय योजनाओं का लाभ उठा पायेंगे। राज्य शासन द्वारा एग्रीस्टेक परियोजना के तहत इस बार किसानों के लिये नई व्यवस्था लागू की गई है। अब धान ब्रिकी, फसल बीमा और किसान सम्मान निधि का लाभ पाने के लिये एग्रीस्टेक पोर्टल में फार्मर आईडी पंजीकृत कराना जरूरी होगा। यदि कोई किसान पंजीयन नहीं कराता है तो वह न केवल धान बेचने से वंचित रहेगे बल्कि केन्द्र और राज्य सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा। जिले के 90138 किसानों में से 80662 किसानों ने अब तक पंजीयन कराया है। बाकि 9476 किसान अभी तक पंजीयन के लिये शेष है। ऐसे किसान न केवल धान खरीदी से वंचित हो सकते है, बल्कि पीएम किसान योजना की किस्त और अन्य विभागीय योजनाओं का लाभ भी नहीं ले सकेगे।
*पंजीयन प्रक्रिया की जानकारी-*
पंजीयन प्रकिया के लिए किसान निकटतम लोक सेवा केन्द्र (सीएससी), सहकारी समितियों एवं एग्रीस्टेक पोर्टल www.cgfr.agristack.gov.in के माध्यम से स्वयं भी पंजीयन कर सकते है। पंजीकरण के बाद 11 अंको की यूनिक फार्मर आईडी जारी की जायेगी। जो उनकी भविष्य की योजनाओं में डिजिटल पहचान होगी। पंजीयन प्रकिया के लिए किसान बी-1 खतौनी, ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड, आधार लिंक मोबाईल नंबर के साथ अपना एग्रीस्टेक पंजीयन करा सकते है।
*कृषक पंजीयन (फार्मर आईडी) की अनिवार्य विशेषताए-*
कृषक पंजीयन (फार्मर आईडी) की अनिवार्य विशेषताए निम्नानुसार हैं - कृषक पंजीयन में सभी कृषि भूमि का विवरण भू-अभिलेख के अनुसार सुनिश्चित किया जायेगा, कृषक पंजीयन में मृतक भूस्वामी के स्थान पर वारिसान भूस्वामी का नाम दर्ज करने की सुविधा होगी, कृषक पंजीयन में प्रत्येक भू-खण्ड एक या एक से अधिक भूधारक के नाम दर्ज होगा, कृषक पंजीयन में प्रत्येक भूस्वामी का आधार नंबर प्रविष्टि होगी, कृषक पंजीयन में भूमि के खरीदी-बिकी, उत्तराधिकार या बंटवारा के माध्यम से भू-अभिलेख दुरूस्त किये जाने पर स्वतः अद्यतन होगा, कृषक पंजीयन में भूमिस्वामी का हिस्सा राजस्व अभिलेख के अनुसार होगा।

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