सक्ती। दीपावली का महापर्व नज़दीक है वहीं लोगों द्वारा त्योहार मनाने ख़रीदी की जा रही है, साथ ही दीपावली के अवसर पर फटाकों के दुकान भी गुलज़ार हैं, लेकिन नगर को बारूद के भय में रखकर फटाखों की बिक्री की जा रही है। ज्ञात हो कि 31 अक्टूबर को दीपावली का पावन पर्व है, वहीं नगर में इस अवसर पर फटाखों के दुकान भी काफ़ी गुलज़ार हैं। बता दें कि नगर के बीचों बीच जेएलएंडडी कॉलेज मैदान में नगर प्रशासन द्वारा फटाखों के अस्थाई दुकान लगाने चिन्हांकित किया गया है, वहीं 50 दुकान के लिए आवेदन दिया गया था जिसमें 40 लोगों के बीच स्थल हेतु लॉटरी निकाली गई और गत दो दिनों से दुकानें लग रही हैं। बता दें कि नगर के बीचो बीच फटाखों की दुकान को लेकर लोगों में भय का माहौल है, इतने बड़े पैमाने में बिना किसी व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के फटाखों की दुकान लगने से कहीं ना कहीं नगर के लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने की बातें सामने आ रही है। बता दें कि फटाखे ज्वलनशील वस्तु है और फटाखों को रखने के लिए विशेष सुरक्षा की ज़रूरत होती है ताकि कोई अप्रिय घटना दुर्घटना ना हो, लेकिन नगर में जिस तरह से कॉलेज, अस्पताल के बीच में फटाखों की दुकान लगाने अनुमति दी गई है वह कहीं ना कही प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है। पूर्व में फटाखों की दुकान बुधवारी बाज़ार स्थित फुटबॉल मैदान में लगती थी जिसे रिहायशी इलाक़ों से दूर मान कर सुरक्षित स्थान माना जाता था लेकिन गत दो वर्षों से नगर के बीच फटाखों के दुकान होने से एक तरह से भय का माहौल व्याप्त है। अगर कहीं अप्रिय घटना होती है तो उसकी जिम्मेदार कौन होगा



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