सक्ति -कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि 100 दिनों के भीतर नियमितीकरण की दिशा में कदम उठाए जाएंगे और 27% लाभ भी दिया जाएगा। लेकिन आज तक उन वादों पर अमल नहीं हुआ और उनकी मांगों को पूरी तरह अनसुना किया जा रहा है।
इस बीच शासन की ओर से दमनकारी आदेश जारी किए गए हैं, जिनमें नौकरी से हटाने और नो वर्क, नो पेमेंट जैसी कार्यवाही शामिल है। इसके विरोध में कर्मचारियों ने आदेश की प्रतियां जलाकर कड़ा विरोध दर्ज कराया और सरकार एवं अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
कर्मचारियों ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य मंत्री उनकी जायज़ मांगों को लगातार नज़रअंदाज़ कर रहे हैं, जबकि दुर्ग सांसद माननीय विजय बघेल भी इन मांगों को उचित और न्यायसंगत मान चुके हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं और उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश की जा रही है।
कर्मचारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस आदेश जारी नहीं किया जाता, तब तक वे हड़ताल पर डटे रहेंगे।


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