गणगौर पूजा पूरे विधि विधान किया , गणगौर पूजा पूरे 18 दिनो तक चलती है, इस पूजा में सुहागिने अपने पति की लंबी आयु एवं कुंवारी कन्याएं अच्छा वर पाने की मनोकामना के साथ विधि विधान से गणगौर की पूजा अर्चना
करती है, अग्रवाल समाज में महिलाओ के लिए यह पूजा विषेश महत्व रखती है, विवाह के बाद लडकी पहली गणगौर पूजा अपने मायके में ही आकर करती है, गणगौर पूजा होली के दूसरे दिन से ही पूजा आरंभ हो जाती है।जो नवरात्रि के तृतीया तिथि तक चलती है, गणगौर पूजा में होलिका की राख से 16 पिण्डियां बनायी जाती है, एवं प्रत्येक दिन दूध के साथ इन पिण्डियो को विधि विधान से स्नान करवा कर शिव पार्वती के रूप में इसकी पूजा की जाती है और मंगल गीत गाए जाते हैं,मूर्ति स्थापना के बाद इसकी सुबह दोपहर और शाम पूजा की जाती है, इसदिन गणगौर पूजा के लिए घरो में हलवा पूरी आदि मिष्ठान बनाए जाते है,सुहागिन महिलाए सज धज कर गणगौर को बिंदिया चुडी अर्पित कर अपनी मनोकामना मांगती है, अंतिम पूजा चैत्र नवरात्रि के तृतिया तिथि तक करने के बाद धूमधाम, शाम को जल पिलाने के बाद गणगौर का विसर्जन बाजेगाजे के साथ किया जाता है, 18 दिनो तक चलने वाली पूजा में अग्रवाल महिलाएं गणगौर के मंगल गीत भी गाती है, अंचल में आज शक्ति,मालखरौदा, जैजैपुर , बाराद्वार ,डभरा ,चंद्रपुर क्षेत्र की अग्रवाल मारवाड़ी महिलाओं ने पूरे विधि विधान से हर्षोउल्लास के साथ गणगौर पूजा की है जिससे माहौल पूरा गणगौर मय हो गया है l
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