रायपुर पुलिस पर करणी सेना के उपाध्यक्ष की गिरफ्तारी के बाद क्रूरता और दुर्व्यवहार के आरोप सक्ती नगर के स्थानीय विश्राम गृह में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राज सिंह शेखावत पहुंचे। उनका स्वागत सत्कार स्थानीय क्षत्रिय राजपूत परिवार के सदस्यों ने किया।





करणी सेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर शेखावत ने आरोप लगाया तोमर परिवार के महिलाओं के साथ पुलिस के द्वारा गंदी-गंदी गाली देना उन्हें प्रताड़ित करना उन्हें बेज्जती करना इसके विरोध में अत्याचार किए हैं उन सभी के ऊपर FIR दर्ज हो हम किसी अपराधी का साथ देने नहीं आए हैं महिलाओं के ऊपर अत्याचार हुए हैं उसी को लेकर करणी सेना प्रदर्शन करने आई है

रायपुर, [वर्तमान तिथि, जैसे 26 नवंबर 2025] - हिस्ट्री-शीटर और क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह तोमर की हालिया गिरफ्तारी ने छत्तीसगढ़ में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है, करणी सेना और अन्य सामाजिक समूहों ने रायपुर पुलिस अधिकारियों पर "अमानवीय अत्याचार" और महिला परिवार के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।

तोमर, जो धन उगाही, जबरन वसूली, मारपीट और अवैध हथियार रखने के मामलों में वांछित था, पांच महीने से अधिक समय से फरार रहने के बाद ग्वालियर से गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने उन्हें रायपुर की सड़कों पर घुमाया, जिस पर करणी सेना ने कड़ी आपत्ति जताई है। सोशल मीडिया पर प्रसारित विज़ुअल्स में कथित तौर पर तोमर परेड के दौरान गिरते हुए और अधिकारियों द्वारा उनके साथ सख्ती से पेश आते हुए दिखाया गया है।

मुख्य आरोप और घटनाक्रम

अमानवीय व्यवहार: सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल सहित विभिन्न अधिकारियों को सौंपे गए एक ज्ञापन में दावा किया गया है कि तोमर और उनके परिवार को पुलिस द्वारा लगातार "अमानवीय व्यवहार, मारपीट, दुर्व्यवहार, अश्लीलता, मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न" का सामना करना पड़ा।

महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार: करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने तोमर के आवास पर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया और यहां तक कि पुलिस स्टेशन में तोमर की बेटी के कपड़े भी फाड़ दिए।

अधिकारों का उल्लंघन: ज्ञापन में यह भी दावा किया गया है कि पुलिस की कार्रवाई, जिसमें तोमर को हथकड़ी में घुमाना और बेहोश होने पर चिकित्सा सहायता प्रदान करने में विफल रहना शामिल है, मानवाधिकारों और संवैधानिक अनुच्छेदों, अनुच्छेद 14, 21, और 22, साथ ही डी.के. बसु दिशानिर्देशों का घोर उल्लंघन है।

करणी सेना की प्रतिक्रिया: डॉ. शेखावत पर कथित तौर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और इस मामले में शामिल स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) के घरों में घुसने की धमकी देने के लिए मामला दर्ज किया गया है। संगठन पुलिस की कार्रवाई की एक स्वतंत्र, उच्च-स्तरीय जांच की मांग कर रहा है।

पुलिस का रुख

रायपुर पुलिस का कहना है कि तोमर एक हिस्ट्री-शीटर है जिसके खिलाफ 16 से अधिक मामले दर्ज हैं और उसका फरार भाई रोहित तोमर भी वांछित है। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री ने करणी सेना अध्यक्ष द्वारा दी गई धमकियों की निंदा करते हुए कहा है कि कानून अपना काम करेगा और कोई भी समाज अपराधियों का समर्थन नहीं करना चाहिए। अधिकारी रोहित तोमर का पता लगाने और भाइयों की संपत्ति कुर्क करने के प्रयास जारी रखे हुए हैं।

छत्तीसगढ़: पुलिस प्रताड़ना के आरोपों पर गरमाया राजपूत समाज, निष्पक्ष जांच की मांग

रायपुर: राजधानी रायपुर में हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं से जुड़े मामले में पुलिस कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. क्षत्रिय राजपूत समाज और सर्व समाज ने पुलिस अधिकारियों पर तोमर परिवार की महिलाओं और सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार, मारपीट और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है. समाज ने इस संबंध में राज्यपाल और मुख्यमंत्री से त्वरित, कठोर एवं निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।

शिकायत पत्र में उल्लिखित प्रमुख आरोप और मांगें निम्नलिखित हैं:

थाना प्रभारी (T.I.) योगेश कश्यप पर हिरासत में ली गई भावना तोमर (रोहित तोमर की पत्नी) के साथ अश्लील हरकतें करने का आरोप है. उन्हें तत्काल निलंबित कर आपराधिक प्रकरण (FIR) दर्ज करने की मांग की गई है।

CSP राजेश देवांगन को भी तत्काल निलंबित कर उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई और FIR दर्ज करने की मांग की गई है।

तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रायपुर लाल उम्मेद सिंह (IPS) पर मानसिक/शारीरिक उत्पीड़न, कस्टोडियल एक्सेस (हिरासत में अनधिकृत पहुंच) और प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाते हुए, उन्हें तत्काल पदमुक्त कर संवैधानिक अनुच्छेदों व धाराओं के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत करने की मांग की गई है.

वीरेंद्र सिंह तोमर के साथ सार्वजनिक स्थल पर दुर्व्यवहार, मारपीट, रोड पर घसीटने और उनके शरीर पर जूता रखकर राजपूत समाज का अपमान करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित कर कठोर कार्रवाई और FIR दर्ज करने की मांग की गई है.

मानवाधिकारों और संविधान की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है।

क्षत्रिय करणी सेना के पदाधिकारियों पर दर्ज आधारहीन एवं राजनीतिक प्रेरित झूठे प्रकरणों को तत्काल निरस्त करने की मांग की गई है.

तोमर परिवार को हुए आर्थिक एवं मानसिक नुकसान के लिए संबंधित अधिकारियों से मानहानि का मुकदमा दर्ज कर भरपाई की मांग की गई है।

क्षत्रिय करणी सेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत पर हुई FIR को रद्द किया जाए और दर्ज मामलों की जांच हेतु स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच टीम का गठन किया जाए.

इस मामले में क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने हाल ही में रायपुर पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद उन्हें जमानत मिल गई. उन्होंने 7 दिसंबर को रायपुर में एक बड़े आंदोलन की घोषणा भी की है.

पुलिस का पक्ष है कि तोमर बंधु कई मामलों में वांछित हिस्ट्रीशीटर हैं जिन पर ब्याज के नाम पर ब्लैकमेलिंग और जबरन वसूली के आरोप हैं. पुलिस ने भावना तोमर को भी इन मामलों में संलिप्तता के चलते गिरफ्तार किया था.

क्षत्रिय समाज, सामाजिक संगठन रायपुर में 7 दिसंबर को बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं

 छत्तीसगढ़ में समस्त क्षत्रिय समाज और विभिन्न अन्य सामाजिक संगठन 7 दिसंबर को रायपुर में एक बड़े विरोध प्रदर्शन और सत्याग्रह की तैयारी कर रहे हैं। ये प्रदर्शन एक हालिया घटना से उपजे हैं, जिसे संगठनों ने "मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन" और राज्य में कानून-व्यवस्था व जनता के विश्वास पर गहरा आघात बताया है।

यह विरोध प्रदर्शन महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शेखावत ने भी समर्थन की घोषणा की है और देश भर से प्रतिभागियों को रायपुर कार्यक्रम में लाने की योजना बना रहे हैं।

मुख्य आरोप और माँगें

अधिकारियों को सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार, संगठन घटना की उच्च-स्तरीय, निष्पक्ष और समयबद्ध जाँच तथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मुख्य शिकायतें एक व्यक्ति और उसके परिवार के प्रति पुलिस कर्मियों द्वारा कथित अमानवीय और गरिमाहीन व्यवहार के इर्द-गिर्द घूमती हैं।

मानवाधिकार उल्लंघन: ज्ञापन में जोर दिया गया है कि अधिकारियों की कार्रवाई मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।

पुलिस दुराचार: विशिष्ट आरोपों में पुलिस की बदसलूकी शामिल है, जैसे एक व्यक्ति को बाजार में नंगे पैर घुमाना और पानी मांगने पर मना करना। एक महिला परिवार के सदस्य के साथ अभद्रता के दावे भी किए गए हैं।

राजनीतिक मंशा: कुछ समर्थकों ने दावा किया है कि पुलिस की कार्रवाई राजनीतिक रूप से प्रेरित थी और इसमें शामिल प्रतिष्ठित परिवार, जो कथित तौर पर जाने-माने व्यापारी और समाज सेवक हैं, के खिलाफ जातिगत पूर्वाग्रह था।

कार्रवाई के लिए आह्वान और चेतावनी

संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन द्वारा तत्काल और उचित कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे लोकतांत्रिक और संवैधानिक दायरे में व्यापक विरोध प्रदर्शन और सत्याग्रह करने के लिए बाध्य होंगे।

ज्ञापन को तत्काल और उचित कार्रवाई के लिए छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक (DGP) को भेजा गया है। आयोजकों ने कहा है कि आंदोलन से होने वाली किसी भी अप्रिय स्थिति की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

समस्त क्षत्रिय समाज एवं समस्त समाज (छत्तीसगढ़) करणी सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर शेखावत ने शक्ति रेस्ट हाउस में प्रेस वार्ता मैं अपनी बातें कहीं उन्होंने कहा कि आज उनके साथ हुआ है यह किसी भी समाज के साथ गलत कर सकते हैं इसलिए सभी  समाज के  लोगआज हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहे  हैं अगर ऐसी घटना किसी भी समाज के साथ होता है तो हमारी करणी सेना उनके साथ कंधे से कंधे मिलाकर उनके साथ देगी इस मौके पर शक्ति क्षत्रिय समाज के पिंटू ठाकुर, राजीव लोचन, प्रकाश ठाकुर, अविनाश ठाकुर, बल्लु ठाकुर, सरोज ठाकुर, मुन्ना ठाकुर,मिन्ना ठाकुर,साथ शक्ति रेस्ट हाउस में करणी सेना के   राष्ट्रीय अध्यक्ष करणी सेना के डॉक्टर शेखावत ने ली बैठक I

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