*संकुल स्तरीय एफ.एल.एन. मेला मसनियांकला में भव्य रूप से आयोजित,बाल दिवस पर नौ विद्यालयों की उत्साहपूर्ण सहभागिता*





मसनियांकला, -बाल दिवस के शुभ अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मसनियांकला में संकुल स्तरीय एफ.एल.एन. (Foundational Literacy & Numeracy) मेला अत्यंत हर्षोल्लास एवं रचनात्मकता के साथ आयोजित किया गया। संकुल के अंतर्गत आने वाले सभी नौ विद्यालयों—शासकीय आश्रम शाला मसनियाखुर्द, शा. एन.पी.एस. वि. मसनियांकला, शा. प्रा. शा. मसनियाखुर्द, शा. प्रा. शा. चमरवाह, शा. प्रा. शा. जोंगरा, शा. प्रा. शा. मुड़ाभाठा, शा. प्रा. शा. अमलीटिकरा, शा. प्रा. शा. रींवापाली तथा शा. प्रा. शा. मसनियांकला— ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री अमर सिंह जांगड़े ने की।

मुख्य अतिथि के रूप में माननीय सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े उपस्थित रहीं।

विशिष्ट अतिथि के रूप में मसनियांकला सरपंच श्री जयंत जांगड़े ,उप सरपंच प्रतिनिधि श्री सुनील शुक्ला,श्री रमेश गबेल एवं अन्य पंचगण ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दी।

मंच संचालन संकुल समन्वयक श्री ठंडाराम चौधरी ने अत्यंत संयमित एवं प्रभावशाली ढंग से किया।

ग्राम के अनेक गणमान्य नागरिक, पालकगण एवं शिक्षा प्रेमी भी बड़े उत्साह से उपस्थित रहे।


मुख्य अतिथि और सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े ने अपने उद्बोधन में कहा कि—“एफ.एल.एन. वर्तमान शिक्षा व्यवस्था की आधारशिला है। जब बच्चे पढ़ना, समझना, लिखना और गणना जैसी मूलभूत क्षमताओं में दक्ष होते हैं, तभी उनके भीतर आगे की शिक्षा ग्रहण करने का आत्मविश्वास विकसित होता है। प्राथमिक स्तर पर मजबूत नींव रखने से ही देश का भविष्य मजबूत होता है।”

उन्होंने आगे कहा कि—“आज के बदलते दौर में शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं रह गई है। ऐसे मेले बच्चों में रचनात्मकता, अभिव्यक्ति, समस्या-समाधान और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार की शैक्षणिक गतिविधियाँ अत्यंत प्रेरक और प्रभावशाली सिद्ध होती हैं।”

सांसद महोदय ने विद्यार्थियों को नियमित अध्ययन, अनुशासन और जिज्ञासा बनाए रखने की प्रेरणा देते हुए कहा कि बच्चे सीखने की प्रक्रिया में आगे बढ़ें, यही बाल दिवस का वास्तविक संदेश है। उन्होंने सभी शिक्षकों को उनकी लगन, नवाचार और उत्कृष्ट प्रयासों के लिए बधाई दी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री अमर सिंह जांगड़े ने विद्यार्थियों को सरल भाषा में एफ.एल.एन. का अर्थ व उद्देश्य समझाया। उन्होंने कहा कि एफ.एल.एन. बच्चों में भाषा और गणित के बुनियादी कौशल को मजबूत करने का प्रयास है, जो प्रत्येक बच्चे के भविष्य की नींव है l

संकुल के सभी विद्यालयों ने टी.एल.एम. (Teaching Learning Material) की आकर्षक एवं शिक्षण-प्रधान प्रदर्शनी लगाई।

इसमें—

• गणितीय मॉडल

• भाषा अधिगम सामग्री

• पर्यावरणीय गतिविधियों से संबंधित चार्ट

• खेल-आधारित सीखने की सामग्री

बच्चों ने बड़े उत्साह व संकल्प के साथ प्रस्तुत किए।

अतिथिगणों ने बच्चों की रचनात्मकता की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी उनके सीखने की प्रक्रिया को और अधिक रोचक बनाती है।

संकुल प्राचार्य मुकुटधर दुबे सहित सभी शिक्षक–शिक्षिकाओं ने बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएँ दीं और कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

बाल दिवस पर आयोजित यह संकुल स्तरीय एफ.एल.एन. मेला न केवल बच्चों की प्रतिभा व रचनात्मकता के प्रदर्शन का मंच बना, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में एक प्रेरक पहल भी साबित हुआ।

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