सक्ती, 28 अक्टूबर 2025 — सक्ती जिले में नवपदस्थ पुलिस अधीक्षक प्रфुल्ल ठाकुर (भापुसे) ने आज जिले का पदभार ग्रहण किया। जेठा स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँचते ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश यादव, उप पुलिस अधीक्षक (मुख्या.) अंजलि गुप्ता, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस चंद्रपुर सुमित गुप्ता, रक्षित निरीक्षक उमेश राय एवं निरीक्षक वाई.एन. शर्मा (स्टेनो) सहित जिले के सभी थाना/चौकी प्रभारियों ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया।
कार्यभार ग्रहण की औपचारिकता पूरी करने के बाद नवपदस्थ पुलिस अधीक्षक ने जिले के सभी राजपत्रित अधिकारी एवं थाना/चौकी प्रभारियों की परिचयात्मक बैठक ली और अपनी प्राथमिकताएं बताईं। उन्होंने कहा कि समुदाय-आधारित और बेसिक पुलिसिंग को मजबूत बनाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। फरियादियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार के साथ ही कानून-व्यवस्था के दायरे में अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई ज़रूरी है।
उन्होंने विशेष निर्देश दिए:
- किसी भी थाना क्षेत्र में जुआ, सट्टा और अवैध शराब (कोचियागिरी) के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।
- रात्रि गश्त, ग्राम गश्त और शाम के समय पैदल पेट्रोलिंग अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाएगी।
- सभी थाना/चौकी प्रभारी अपने थानों की साफ-सफाई और रिकॉर्ड रखरखाव पर विशेष ध्यान दें; स्टाफ के अनुशासन और वेलफेयर का भी ख्याल रखा जाएगा ताकि टीम पूरी मनोबल के साथ काम कर सके।
बैठक के बाद पुलिस अधीक्षक ने सक्ती जिले के कलेक्टर अमृत विकास तोपनो और लोकसभा जांजगीर की सांसद कमलेश जांगड़े से सौजन्य भेंट की। कलेक्ट्रेट से वापस आकर उन्होंने पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में आमंत्रित प्रेस, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ परिचयात्मक बैठक ली। जिले की विभिन्न क्षेत्रीय समस्याओं और उनके संभव हलों पर चर्चा की गई और सक्ती जिले में बेहतर पुलिसिंग उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया।
समाचार के अंत में पुलिस अधीक्षक ने सभी थाना/चौकी प्रभारियों, उपस्थित पुलिस कर्मियों और जिले स्थित नागरिकों से सहयोग की अपील की ताकि राजस्व सुरक्षा, जन-सम्पर्क और कानून-व्यवस्था को मजबूत किया जा सके। आगे उन्होंने कहा कि मैं आम लोगों से छत्तीसगढ़ भाषा से ही बात करता हूं क्योंकि मैं छत्तीसगढ़ से ही आता हूं मेरी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा कांकेर में हुई इसलिए मैं पहली प्राथमिकता छत्तीसगढ़ भाषा को देता हूं यह हमारी जन्मभूमि हमारी संस्कृति है और हमें छत्तीसगढ़ भाषा में ही बात करनी चाहिए जिससे आम लोगों से सही तरीके से बात हो सके
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