अखिल भारतीय अघरिया समाज छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा प्रांत के प्रमुखों की संयुक्त बैठक होटल सिमरन पैलेस में आयोजित किया गया जिसमें उड़ीसा से केंद्रीय अध्यक्ष दीनबंधु, पूर्व विधान सभा अध्यक्ष किशोर पटेल के साथ सुंदरगढ़, बामडा, गांगपुर, बलांगिर आदि अंचलों से समाज के प्रमुख पदाधिकारी एवं वरिष्ठजन शामिल हुए तो वहीं छत्तीसगढ़ प्रांत से केंद्रीय अध्यक्ष उषा पटेल, सांसद रूप कुमारी चौधरी, पूर्व विधायक त्रिलोचन पटेल, बालक राम पटेल, उच्च न्यायालय अधिवक्ता एवं पूर्व महासचिव चितरंजय पटेल तथा केंद्रीय पदाधिकारियों की गरिमामय उपस्थिति रही।
उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के अघरिया बंधुओं का राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रतिनिधि संगठन बनाने के लिए आयोजित इस समन्वय बैठक की शुरुवात में उपस्थित जनों ने अपना परिचय दिया तो वहीं रंजन पटेल ने बैठक के प्रस्तावना रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधि संगठन को वक्त की मांग बताते हुए वरिष्ठ सामाजिक प्रतिनिधि किशोर पटेल को विचार रखने हेतु आमंत्रित किया जिस पर किशोर पटेल ने बताया कि १४ साल पूर्व अखिल भारत स्तर पर अघरिया समाज के प्रतिनिधि संगठन निर्माण हेतु पर्याप्त मंथन के बाद नवीन संविधान की प्रस्तावना तैयार हुई जिसके पालन में उड़ीसा प्रांत ने अखिल भारतीय अघरिया समाज केंद्रीय समिति रायगढ़ को १,२५,०००रु संबद्धता शुल्क धनादेश के द्वारा प्रदान किया था जिसके बाद अखिल भारतीय अघरिया समाज उड़ीसा प्रांत का गठन भी हुआ परंतु कालांतर में तत्कालीन पदाधिकारियों की उदासीनता व उत्साहजनक कदम नहीं उठाने से वांछित संगठन का निर्माण मूर्तरूप नहीं ले पाया है।
तत्पश्चात इस संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधि संगठन हेतु संयुक्त संविधान निर्माण समिति के प्रमुख एवं तत्कालीन महासचिव एवं उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने बताया कि अघरिया सदन रायगढ़ में ९ से ११ दिसंबर २०११ को आयोजित त्रिदिवसीय सम्मेलन सह कार्यशाला में दोनों राज्यों के प्रमुख सामाजिक बंधुओं की बैठक में दोनों राज्यों के पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रतिनिधि संगठन के निर्माण पर सहमति व्यक्त करते हुए संविधान समिति का गठन कर अखिल भारतीय अघरिया समाज के संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद पर विमर्श उपरांत तैयार एक संशोधित संविधान पर सहमति व्यक्त करते हुए हस्ताक्षरित किया। पश्चात उड़ीसा के अघरिया बंधु पुराने अपंजीकृत संगठनों से परे अखिल भारतीय अघरिया समाज के संशोधित/प्रस्तावित संविधान को स्वीकार करते हुए अखिल भारतीय अघरिया समाज उड़ीसा की रचना करते हुए उड़ीसा के प्रथम अध्यक्ष किशोर पटेल बनाए गए जिसके बाद क्रमश: नरेश नायक और वर्तमान में दीनबंधु उड़ीसा प्रांत के अध्यक्ष हैं पर अभी भी संविधान में प्रस्तावित संशोधन रजिस्टार फर्म एंड सोसाइटी से अनुमोदित नहीं होने से भ्रम की स्थिति निर्मित हुई है जबकि दोनों राज्यों में प्रांतीय समिति का निर्वाचन अखिल भारतीय अघरिया समाज के संविधान अनुरूप हो रहा है, पर परस्पर संवाद नहीं होने से आज यह समन्वय बैठक छत्तीसगढ़ के वर्तमान अध्यक्ष उषा पटेल के आग्रह पर आयोजित किया गया है जिसमें अघरिया समाज के राष्ट्रीय प्रतिनिधि संगठन पर मंथन किया गया।
इन पलों में संसद उपस्थित रूप कुमारी चौधरी ने अघरिया समाज के समन्वय प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इससे समाज अधिक सशक्त होगा तो वहीं केंद्रीय अध्यक्ष उषा पटेल ने आशा व्यक्त किया कि अविलंब हम राष्ट्रीय स्तर मजबूती से समाज की बात को रखेंगे। उड़ीसा प्रांतीय अध्यक्ष दीनबंधु ने कहा आज लिए गए निर्णय पर शीघ्र ही अमल हो तो ज्यादा खुशी होगी।
इस हेतु छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा प्रांत के ५_५ सदस्यों की समिति बना कर उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे दोनों प्रांतीय अध्यक्ष एवं रंजन पटेल, किशोर पटेल, बालक राम पटेल, उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल के मार्गदर्शन में काम करते हुए शीघ्र ही एक अखिल भारतीय अघरिया प्रतिनिधि संगठन की रूप रेखा तैयार कर संयुक्त सह समन्वय समिति को प्रस्तुत करें।
उक्त संबंध में जानकारी देते हुए महासचिव बिहारी लाल पटेल ने बताया कि इस समिति में उड़ीसा की ओर से दुर्गा माधव पटेल, द्वारिका पटेल, डा बिहारी लाल पटेल, दिलीप पटेल, सुशांतो पटेल तथा छत्तीसगढ़ से फागुलाल पटेल, बिहारी लाल पटेल, भोजराम पटेल, राजेश नायक, छतर सिंह नायक शामिल है जो शीघ्र अखिल भारतीय अघरिया समाज छ ग़ के केंद्रीय समिति एवं क्षेत्र के प्रमुख लोगों से विचार विमर्श उपरांत एक प्रारूप मार्गदर्शक मंडल के समक्ष प्रस्तुत करेंगे जिसके अवलोकन के पश्चात समन्वय समिति की बैठक आहुत कर अखिल भारतीय प्रतिनिधि संगठन को मूर्त रूप प्रदान किया जाएगा।
आज इस समन्वय बैठक में उमाशंकर पटेल, पुरुषोत्तम पटेल, अमर सिंह पटेल, संत कुमार , खेमराज पटेल,याद लाल नायक, कामता पटेल, जशवंत पटेल, प्यारी मोहन पटेल आदि दोनों राज्यों के प्रमुख जनों की उपस्थिति रही तो वहीं आभार प्रदर्शन केंद्रीय सचिव भोजराम पटेल ने किया।



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