सक्ति ज़िला, छत्तीसगढ़: सक्ती ज़िले के धबरा थाना क्षेत्र के बसंतपुर इलाके में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहाँ तीन लोगों पर मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला के साथ गैंगरेप करने का आरोप लगाया गया है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय को हिलाकर रख दिया है और जल्द से जल्द न्याय की मांग तेज़ हो गई है।
गांव के माली समाज के प्रमुख गोटिया वासुदेव माली एवं ग्रामीणों ने सभी आरोपियों को पकड़ा तथा उन्हें पुलिस के हवाले किया, डभरा पुलिस ने तीनों आरोपियों को पड़कर उनका डॉक्टरी मुलाइजा करवाया है, तथा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस थाना डभरा के ग्राम बसंतपुर की रहने वाली एक मंदबुद्धि युवती को गांव के तीन युवक मदन माली, वोटलाल माली एवं गणेशी माली ने उनके घर पर जाकर उन्हें सामान लाने के लिए ₹500 दिए तथा थोड़ी देर बाद वे फिर उनके घर पहुंचे एवं उन्हें पैसे कहां है कहकर आरोपित करने लगे एवं उन्हें जबर्दस्ती अपने साथ ले गए तथा वोटलाल माली के घर पर युवती को ले जाकर तीनों ने उसके साथ गैंगरेप किया वही इस संबंध में ग्राम पंचायत बसंतपुर के सरपंच रवि पटेल का कहना है कि उपरोक्त तीनों युवक अपराधिक प्रवृत्ति के हैं तथा पूर्व में भी गांव में भी उन पर चोरी के आरोप हैं तथा ग्राम पंचायत भी उन्हें अनेकों बार सजा दे चुकी है किंतु वे सुधर नहीं रहे हैं तथा इन पर कार्रवाई की जाए, वही ग्राम पंचायत बसंतपुर के नागरिकों में भी इस गैंगरेप की घटना को लेकर काफी आक्रोश है तथा गांव के लोगों ने आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है
पुलिस के अनुसार, पीड़िता को गंभीर हालत में पाया गया और उसे तुरंत पास के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि महिला को उसकी मानसिक स्थिति के कारण निशाना बनाया गया, जिससे वह अपनी सुरक्षा करने में असमर्थ थी। पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच अभी भी जारी है।
इस घटना ने स्थानीय निवासियों में गुस्सा भड़का दिया है, और कई लोग दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों ने भी अपनी चिंता जताई है और प्रशासन से महिलाओं, खासकर मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
*स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया*
जिला अधिकारियों ने ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ाने और सामुदायिक जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत पुलिस को सूचना दें। इस बीच, सामाजिक कार्यकर्ता मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों के लिए बेहतर सहायता प्रणाली की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें समाज में असुरक्षित न छोड़ा जाए।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, यह दुखद घटना महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मौजूदा मुद्दों को उजागर करती है। स्थानीय समुदाय न्याय की उम्मीद कर रहा है और चाहता है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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