*नए कानूनों की जानकारी देने आयोजित की गई परिचर्चा*नए कानूनों से अवगत कराने न्याय की अवधारणा को लेकर पुलिस अधीक्षिका अंकिता शर्मा जी की नई पहल*

 




आज 1 जुलाई से सम्पूर्ण भारत में नए भारतीय कानूनों को लागू किया जा रहा है।भारतीय न्याय संहिता,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ,जो आज से पूरे देश में प्रवर्तन में आ रहें हैं, इनके संबंध में जानकारी देने, और लोगों को नए कानून विधियों से अवगत कराने पुलिस अधीक्षिका अंकिता शर्मा जी ने सक्ति जिले के समस्त थाना चौकियों में इस संबंध में एक परिचर्चा का आयोजन कराया।इस परिचर्चा में क्षेत्र के गणमान्य नागरिक, जन प्रतिनिधि और मीडिया बंधु शामिल हुए।परिचर्चा के दौरान वर्तमान में लागू होने वाले नए कानूनों की मूलभूत बातों से सभी को अवगत कराया गया, और नए कानूनों में प्रार्थी को क्या अधिकार दिए गए हैं, महिला और बालको की सुरक्षा के लिए किए गए प्रावधानों, प्रचलित विधियों में हुए नवीन परिवर्तन और अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल संबंधी जो प्रावधान नवीन कानूनों में लागू किए गया हैं उनकी जानकारी परिचर्चा के दौरान दी गई।थाना कोतवाली में इस परिचर्चा का प्रतिनिधित्व एएसपी सुश्री रमा पटेल और एसडीओपी श्री मनीष कुंवर ने किया, जहां पुलिस अधिकारियों के साथ शहर के गणमान्य नागरिक और मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।परिचर्चा में सार्थक संवाद के जरिए, सरल भाषा में नवीन कानूनों के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी प्रदान की गई।परिचर्चा के दौरान पुराने अंग्रेजो के समय के प्रचलित कानूनों भारतीय दण्ड संहिता, भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह वर्तमान तीनो नवीन कानूनों को लागू किए जाने की आवश्यकता की जानकारी भी पुलिस अधिकारियों ने दी, कि वर्तमान परिस्थितियों में जहां, विवेचना की नई तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंसेस को अपनाने और साक्ष्य के रूप में शामिल किया जाना आवश्यक हो गया था, वहीं पुलिस की जवाबदारी का निर्धारण और साक्ष्य संकलन के दौरान फॉरेंसिक टीम के द्वारा साक्ष्य संकलन कराए जाने को भी आवश्यक बनाया गया है, जिससे माननीय न्यायलय को प्रकरण के निराकरण और आरोपियों को सजा दिलाने में निसंदेह सहायता मिलेगी।वहीं छोटे छोटे अपराधों में कारावास की जगह सामुदायिक दंड के प्रावधानों से भी आम जनों को लंबी कानूनी प्रक्रिया और परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।नवीन कानूनों में इस अवधारणा पर जोर दिया गया है की कानून को दंड केंद्रित नहीं, बल्कि न्याय केंद्रित होना चाहिए।इन्ही सब जानकारिओ को परिचर्चा के दौरान साझा  कर राष्ट्र गान  गा कर समापन किया गया। परिचर्चा के पश्चात आज के इस ऐतिहासिक दिन को चिरस्थाई बनाने सभी थाना चौकियों में वृक्षारोपण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया,जहां पुलिस अधिकारियों के साथ उपस्थित जनों ने भी वृक्ष लगाकर आज 1 जुलाई 2024,भारत वर्ष के नए कानूनों के प्रवर्तन के दिवस की स्मृति को स्थाई बनाया, बल्कि पर्यावरण को बचाने के लिए भी अपना योगदान दिया।

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