सक्ती--: स्थानीय ठाकुरदिया पारा वंदना ट्रेलर्स में प्रसिद्ध भागवत कथा वाचिका चित्रलेखा का आगमन हुआ जहां उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि भागवत कथा का आयोजन जहां होता है। इसका संदेश जन जन तक जाना चाहिए । और वह मीडिया के माध्यम से पहुंच सकता है। उन्होंने बताया कि 4 मई से कथा प्रारंभ हो रही है जो 10 मई तक चलेगी। भागवत कथा वाचीका देवी चित्रलेखा ने आगे कहा कि जो भागवत कहती है वही 18000 श्लोक है वही भागवत है । मुझे लगता है की भागवत एक ऐसा गंगा का प्रवाह है, कि जब इसमें बहाना शुरू करते हैं। तो कोई व्यक्ति पूर्व से नहीं बता सकता कि हम क्या बोलेंगे । यह जरूर है, कि जीवन से जुड़ी चीज भगवान को पाने के लिए क्या करना चाहिए, जीवन का कल्याण कैसे होता है, धर्म जीवन में क्यों आवश्यक है, जीवन की जरूरी वास्तविक चीज हैं, जिससे हमारा जीवन ऊर्जावान बनता है। जीवन का कल्याण होता है । तो भागवत के प्रसंग के माध्यम से वही संदेश लोगों तक पहुंचाया जाएगा।
सभी वर्गों के लिए जरूरी है भागवत
भागवत कथा वाचिका से जब यह सवाल किया गया कि युवाओं का एक वर्ग आज भटक गया है इसे सही रास्ता में लाने के लिए भागवत कथा कितना सार्थक सिद्ध होगा। इस पर उन्होंने कहा कि आज से नहीं हमेशा से भागवत मार्गदर्शन के लिए सुनाई जाती है। केवल युवा नहीं जो भी, जिस भी क्षेत्र के लोग हैं, आयु के लोग हैं सबके लिए भागवत जरूरी है। लेकिन हां जैसा कि आपने कहा युवाओं के लिए, क्योंकि सोशल मीडिया हो गया, दूसरी टेक्नोलॉजी हो गई जिसके कारण बच्चों में मन दूसरी जगह जाने का एक ज्यादा एक अवसर रहता है। तो उससे बचाने के लिए BH भागवत या सत्संग एक अच्छा माध्यम है। मैं कहती हूं । यह सत्संग एक डेली डोज है। जैसे हर आदमी डेली खाना खाता है। तो यह सत्संग भी हमारे जीवन हमारे मन हमारी आत्मा मिलती है
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