सक्ति, छत्तीसगढ़: सक्ति जिले में सहकारी कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटर पिछले 15 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जिससे उनके परिवारों के सामने गंभीर आर्थिक, मानसिक और सामाजिक संकट खड़ा हो गया है। बुधवार को इन कर्मचारियों के परिवारजनों ने जिला कलेक्टर महोदय को एक करबद्ध निवेदन पत्र सौंपकर मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
मुख्य मांगें और चिंताएं
• आजीविका का संकट: पत्र में कहा गया है कि हड़ताली कर्मचारी अपने परिवारों के एकमात्र मुखिया और आजीविका का आधार हैं। हड़ताल लंबी खिंचने से घर चलाना दूभर हो गया है, बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्गों का इलाज प्रभावित हो रहा है।
• प्रशासन की संवेदनहीनता पर रोष: परिवारजनों ने दुःख व्यक्त किया है कि शासन-प्रशासन द्वारा अब तक उनकी 4 सूत्रीय जायज मांगों पर कोई संवेदनशील पहल नहीं की गई है।
• आउटसोर्सिंग के खिलाफ विरोध: संबंधित अधिकारियों द्वारा आउटसोर्सिंग के तहत वैकल्पिक व्यवस्था लागू करने को "पेट पर प्रहार" बताया गया है, जिससे परिवारजनों में गहरा असंतोष है।
दंडात्मक कार्रवाई को बताया तानाशाही: कर्मचारियों के विरुद्ध की जा रही दंडात्मक कार्रवाई को न केवल दुर्भाग्यपूर्ण, बल्कि पूर्णतः तानाशाही प्रवृत्ति का प्रतीक बताते हुए तत्काल प्रभाव से शून्य घोषित करने की मांग की गई है।
कलेक्टर से विनम्र निवेदन
परिवारजनों ने विश्वास जताया है कि निष्ठापूर्वक सेवा देने वाले कर्मचारियों की जायज मांगों के समाधान में देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कलेक्टर से अनुरोध किया है कि वे तत्काल सहानुभूतिपूर्ण निर्णय लेकर उनके घरों में फिर से उजाला करें, बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाएं और मुखियाओं के लिए सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करें।



0 टिप्पणियाँ